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Saturday 21 January 2012

बंटबारे से बदलेगी तस्वीर !


मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने क्या दांव खेला है। मान गये मैडम ! एमसीडी को एक-दो नहीं तीन-तीन टुकडे में बांटकर सवेँसवाँ बनने का इससे बेहतर और कोई तरीका हो ही नही सकता। अभी वहां भाजपा का शासन है और दिल्ली विधानसभा में लगातार तीन बार से काबिज व चुनाव जीतती आ रही कांग्रेस की मुख्यमंत्री को यह बात शुरू से ख़टकती रही। दोनों के बीच शह-मात का खेल खेला जाता रहा और जैसे ही चुनाव का समय नजदीक आता दिखा उनकी तरफ से यह दांव खेल दिया गया। अगले साल एमसीडी चुनाव होने हैं।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली की कैबिनेट में एमसीडी को तीन टुक़डे में बांटने के प्रस्ताव को हरी झंडी देकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी। प्रस्ताव को इस तरह से तैयार किया गया है कि सुपर सीएम कहलवाने में कोई अडचन न आए। सबकुछ अपने हाथ में रखने का पूरा प्रबंध कर रखा है। प्रस्ताव में एमसीडी को तीन टुकडे में बांटकर तीन-तीन मेयर व कमिश्नर का प्रावधान किया गया है। इन सबों पर नजर रखने के लिए काउंसिल का गठन किया जाएगा जिसकी मुखिया खुद मुख्यमंत्री होंगी। मामलों की स्क्रीनिंग का पूरा ख्याल रखा गया है और इसीलिए काउंसिल के अलावा एमसीडी की निगरानी के लिए मंत्री स्तर पर कमिटी का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा सरकारएमसीडी की कार्यप्रणाली को सुचारु चलाने के लिए एक अलग से विभाग भी बनाएगी।
इस बार तो पक्का इंतजाम किया गया है जिसके तहत कोई गुंजाईश ही नहीं छोडी गयी है। यानि नतीजा कुछ भी हो कमान मुख्यमंत्री के ही हाथ में रहेगी। मुख्यमंत्री ने इस आशय के प्रस्ताव को अंतिम मुहर लगाने के लिए गहमंत्रालय के पास भेज दिया है और वहां से हरी झंडी मिलते ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। हालांकि विपक्ष इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। विपक्ष गँहमंत्रालय जाने की बात कर रहा है लेकिन अब देखना यह है कि केंद्र में सत्तासीन कांग्रेस के गँहमंत्री उनकी बातों को तवज्जोह देते भी हैं या नहीं।

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